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न्यूज़ डेस्क | 02 Feb 2024
पवई, शासकीय माध्यमिक शाला नारायणपुरा में विश्व आर्द्रभूमि दिवस के अवसर पर पौधारोपण करते हुए शिक्षक सतानंद पाठक ने प्रकाश डालते हुए छात्र- छात्राओं को बताया कि। अब समय आ गया है कि हम प्रकृति के साथ जीना सीखें क्योंकि हम अपने सुख सुविधाओं के कारण हरे भरे जंगलों को उजाडकर कंकीर्ट और मकानों के जंगल खड़े कर लिए हैं। साथ ही आधुनिक जीवन शैली अपनाकर अपने पर्यावरण का भी बहुत ज्यादा नुकसान कर लिया है। आर्द्रभूमि वह भूमि होती है जहां पर वर्ष के 12 मास पानी भरा रहता है तथा आसपास विविधतापूर्ण पेडों पौधों से धरती आच्छदित रहती है तथा वहां पर अनेक प्रकार के जीव जंतु वास करते है।
अच्छे पर्यावरण का होना बेहद आवश्यक है.....
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