सबसे लंबी रात,16 घंटे तक छाया रहा अंधेरा


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रिपोर्ट:रमेश चंद्र त्रिपाठी | 23 Dec 2023

 

आखिर क्यों 22 दिसंबर को कहां जाता हैं सबसे छोटा दिन और क्या है Winter Solstice? यहां जानें सबकुछ।

 सबसे लंबी रात, 16 घंटे तक छाया रहा अंधेरा,  रात सबसे लंबी होने वाली है यानी की 16 घंटे की और दिन साल भर में सबसे छोटा यानी की मात्र 8 घंटे का होने वाला है, मतलब की आज (22 दिसंबर) वाला दिन है।आधिकारिक तौर पर इसी दिन से ठंड के मौसम की शुरुआत होती है. वहीं समर सोल्स्टिस 21 जून को होता है।
देशभर के कई राज्यों में सर्दी अपने चरम पर पहुंच गई है।ठंडी हवाओं के कारण लोगों को गलन का भी एहसास हो रहा है।हालांकि, इतनी कड़ाके की ठंड के बावजूद अभी आधिकारिक तौर पर सर्दी शुरू नहीं हुई है।हाँ, ठीक यही दिन सर्दियों की आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक है और इसे वर्ष का सबसे छोटा दिन माना जाता है। ये दिन है- 22 दिसंबर. इसे 'विंटर सोलस्टाइस' या 'विंटर सोलस्टाइस' के नाम से भी जाना जाता है। शीतकालीन संक्रांति क्या है। *दिसंबर संक्रांति*
शीतकालीन संक्रांति को दक्षिणी संक्रांति या दिसंबर संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। यह पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों की आधिकारिक शुरुआत का भी प्रतीक है।दरअसल, क्योंकि पृथ्वी का अक्षीय झुकाव सूर्य से सबसे दूर है, इसलिए इस दिन के उजाले को सबसे छोटा माना जाता है।इससे साल की सबसे लंबी रात भी होती है। यह खगोलीय घटना हर साल 20-23 दिसंबर के बीच होती है। शीतकालीन संक्रांति को वर्ष का सबसे छोटा दिन भी माना जाता है। सोलस्टाइस या अयनांत लैटिन शब्द सोलस्टिटियम से बना है,जिसका अर्थ है सूर्य का स्थिर रहना।
*सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा में थोड़ा परिवर्तन*
शीतकालीन संक्रांति के दौरान सूर्य अपनी दिशा उलट देता है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह धीरे-धीरे आकाश में बहने से पहले कुछ देर तक आकाश में स्थिर रहता है।हालाँकि ऐसा कुछ पलों के लिए ही होता है।इस खगोलीय घटना के कारण सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा में भी थोड़ा बदलाव होता है।जिसके कारण हर साल शीतकालीन संक्रांति का समय बदल जाता है। हालांकि, दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में इसकी झलक 21 या 22 दिसंबर को ही देखने को मिलेगी।भारत की बात करें तो इस साल यहां विंटर सॉल्सटिस 22 दिसंबर को सुबह 8.57 बजे देखा जा सकेगा। माना जा रहा है कि इस दौरान दिन का प्रकाश केवल 7 घंटे 14 मिनट तक ही दिखाई देगा। साल का सबसे छोटा दिन भी दिखेगा।
*अन्य दिनों की अपेक्षा कम रोशनी*
पृथ्वी के अक्षीय झुकाव के कारण इस दिन दिन का प्रकाश अन्य दिनों की तुलना में कम होता है। वैज्ञानिक रूप से कहें तो, शीतकालीन संक्रांति के दौरान उत्तरी गोलार्ध सूर्य से सबसे अधिक दूर झुका हुआ होता है। इस कारण से, दुनिया के इस हिस्से में बहुत कम सीधी धूप पहुँचती है। इसका असर छोटे दिन और लंबी रातों में देखने को मिलता है।


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